Thursday, October 20, 2011

पुलिस ने युवकों को थाने में नंगा करके पीटा



उ0प्र0 पुलिस का खौफनाक चेहरा उजागर हुआ
रामाधार फाउण्डेशन के संस्थापक, न्यासी रविन्द्र कुमार द्विवेदी ने रामदयालगंज बाजार, जौनपुर के निवासी हरीश चन्द्र जायसवाल पुत्र श्री स्व0 गौरीशंकर जायसवाल के पुत्र आशीष जायसवाल व सतीश को थाने में नंगाकर पिटायी करने की बर्बर कुकृत्य की घोर निंदा की है। रामाधार फाउण्डेशन ने प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को पत्र लिखकर थाना लाइन बाजार, जौनपुर के दोषी पुलिस कर्मियों सब इंस्पेक्टर मदन मोहन राय व सिपाही देवेन्द्र यादव को तुरंत बर्खास्त कर देने की मांग की है। ज्ञात रहे कि 13 अक्टूबर 2011 की रात लगभग दो बजे अपने घर में सो रहे हरीशचन्द्र जायसवाल को किसी की आहट महसूस हुई। वो किसी चोर की आशंका से टोह लेने के इरादे से अपने बेटे आशीष और सतीश के साथ घर से बाहर निकले। बाहर निकलने पर तीनों पुत्र-पिता ने वहां पर अपने पड़ोसी महेश जायसवाल और दिनेश जायसवाल को देखा। महेश और दिनेश ने तीनों पिता और पुत्र को देखकर अचानक मार दिया, मार दिया का शोर मचाना शुरु कर दिया और पुलिस बुला ली। आनन-फानन में वहां पहुंचे सब इंसपेक्टर मदन मोहन राय और सिपाही देवेन्द्र यादव पांचों को थाना लाइन बाजार ले गये।
थानें में दोनों पुलिस कर्मियों ने आशीष और सतीश के दोनों हांथ ऊपर कराकर बांध दिया। सब इंसपेक्टर मदन मोहन राय ने कहा मारो साले माधरचोदों (मां की गंदी गाली) को। सिपाही देवेन्द्र यादव ने कहा कि मेरा चेहरा अच्छी तरह देख लो जीवन में कभी भूलेगा नही। फिर दोनों ने आशीष और सतीश को नंगा कर थाने के अंदर ही बर्बरता पूर्वक पिटाई की। द्विवेदी ने आगे कहा कि दोनों पुलिस कर्मियों ने जो घृणित, बर्बरतापूर्ण व अमानवीय कार्य किया है, उसकी पूरे देश में भर्त्सना की जानी चाहिये। ऐसे पुलिस कर्मियों को सेवा में रहने का कोई हक नही है।
श्री द्विवेदी ने राष्ट्रपति, राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग, उत्तर प्रदेश की मुख्यमंत्री, उत्तर प्रदेश के डीजीपी, जौनपुर के डीएम और एसपी को भी ईमेल से सारे घटना की जानकारी दे दी है। उन्होने कहा कि यदि 15 दिन के भीतर कोई कार्रवाई नही की गयी तो रामाधार फाउण्डेशन जिला-जौनपुर थाना-लाईन बाजार के दोषी पुलिस कर्मियों को बर्खास्त करने के लिये जौनपुर पुलिस प्रशासन के खिलाफ आंदोलन चलायेगी। उन्होने आगे कहा कि आशीष और सतीश की निर्ममता से नग्न करके पिटायी करने का पुलिस का कोई औचित्य नही है। यह थर्ड डिग्री की श्रेणी में एकपक्षीय कार्रवाई नजर आती है। थाने के पुलिस ने निर्ममतापूर्वक पिटायी का एफआईआर भी दर्ज नही किया और न ही मेडिकल करवाया। इससे पुलिस के गंदे इरादे स्पष्ट होते हैं।
श्री द्विवेदी ने प्रधानमंत्री को लिखे पत्र में हरीशचंद्र जायसवाल के पड़ोसी महेश की गिरफ्तारी की मांग की है। ज्ञात रहे कि जमानत मिलने के बाद महेश और दिनेश हरीशचंद्र जायवाल के बेटों आशीष और सतीश को धमकी दे रहे हैं कि उन्होंने पैसे की ताकत पर सब इंसपेक्टर और सिपाही देवेंद्र यादव को अपने साथ मिलाकर उनकी थाने में पिटायी करवायी और आगे भी ऐसा होता रहेगा।हरीशचंद्र जायसवाल का पड़ोसी महेश बार-बार धमका रहा है कि मेरी पहुंच मायावती मुख्यमंत्री व बड़े-बड़े मंत्रियों तक है मैं कुछ भी करवा सकता हूं। पिता हरीशचंद्र जायसवाल का आरोप है कि उनके दोनों बेटों को फिर से पुलिस की मिली भगत से जान से मारने की धमकी दी जा रही है।
श्री द्विवेदी प्रधानमंत्री को पत्र लिखकर यह बता दिया है कि उपरोक्त परिस्थितियों से हरीशचंद्र जायसवाल मानसिक रूप से अत्यंत व्यथित है। हालात यहां तक आ गयी है कि वे आत्महत्या के कगार पर पहुंच गये हैं। द्विवेदी ने कहा कि यदि ऐसा होता है तो उसके लिये थाना लाइन बाजार की पुलिस जिम्मेदार होगी।
श्री द्विवेदी ने धमकी देने वाले पुलिस को भी बर्खास्त करने की मांग की है। ज्ञात रहे कि पुलिस वाले हरीचंद्र को धमका रहे हैं कि थाने में उनके बेटों की नंगा करके पिटायी के मामले पर यदि कहीं मुंह खोला तो उनको व उनके बेटे को ऐसे फर्जी जुल्म में फंसाया जायेगा कि उनकी व उनके बेटों की जमानत तक नही होगी। पूरी उम्र जेल में ही काटनी पड़ेगी।
श्रीरामाधार फाउण्डेशन ने प्रधानमंत्री को पत्र लिखकर निम्नलिखित मांग की है:-
1) आशीष और सतीश को नग्न करके पीटने जैसी अमानवीय अत्याचार और पुलिस उतपीड़न की घटना की उच्च स्तरीय जांच करवाई जाये।
2) पुलिस की महेश और दिनेश के साथ पैसे के बल पर मिली भगत के आरोप की उच्च स्तरीय जांच करवाई जाये।
3) जान से मारने की धमकी देने के आरोप में महेश और दिनेश पर समुचित धाराओं में मुकदमा दर्ज किया जाये।
4) अमानवीय अत्याचार और पुलिस उत्पीड़न के आरोप की जांच पूरी होने तक सब इंस्पेक्टर मदन मोहन राय और सिपाही देवेन्‍द्र यादव को निलंबित किया जाये।
5) हरीश चंद्र जायसवाल की एक लाइसेंसी बंदूक है जिसे पुलिस ने धमकाकर जमा करवा लिया है, पुलिस ने धमकी दी कि यदि जमा नही करोगे तो चालान करके जब्त कर लिया जायेगा। अतः हरीश चंद्र जायसवाल की बंदूक को तुरंत वापस दिलवायी जाये। वो लाइसेंसी बंदूक उनकी व उनके परिवार की आत्मरक्षा के लिये है। महेश और दिनेश से उनके परिवार को जान को खतरा है।

Thursday, July 7, 2011

हिन्दू महासभा के स्वागत समिति के अध्यक्ष डॉ0 संतोष राय को दिल्ली पुलिस का नोटिस

अखिल भारत हिन्दू महासभा के स्वागत समिति के अध्यक्ष डॉ0 संतोष राय को दिल्ली पुलिस का 4/07/2011 का भेजा नोटिस मिला है। जिसमें डॉ0 संतोष राय को दिल्ली पुलिस का पत्र मिलने के बाद एक सप्ताह के अंदर कमला नगर थाने में उपस्थित होने को कहा गया है।
पत्र में दिल्ली पुलिस ने लिखा है कि आप का संबंध योग गुरू बाबा रामदेव के आंदोलन से था जिसमें आपकी संलिप्तता घटना वाले दिन रामलील मैदान में 4,5/06/2011 से है।

हिन्दू महासभा के स्वागत समिति के अध्यक्ष डॉ0 संतोष राय को दिल्ली पुलिस का नोटिस

अखिल भारत हिन्दू महासभा के स्वागत समिति के अध्यक्ष डॉ0 संतोष राय को दिल्ली पुलिस का 4/07/2011 का भेजा नोटिस मिला है। जिसमें डॉ0 संतोष राय को दिल्ली पुलिस का पत्र मिलने के बाद एक सप्ताह के अंदर कमला नगर थाने में उपस्थित होने को कहा गया है।
पत्र में दिल्ली पुलिस ने लिखा है कि आप का संबंध योग गुरू बाबा रामदेव के आंदोलन से था जिसमें आपकी संलिप्तता घटना वाले दिन रामलील मैदान में 4,5/06/2011 से है।

Thursday, June 9, 2011

सांप्रदायिक एवं लक्षित हिंसा विधेयक राष्‍ट्रविरोधी शक्तियों ने तैयार किया-डॉ0 संतोष राय

अखिल भारत हिन्दू महासभा के राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष बाबा पंडित नंद किशोर मिश्र ने यूपीए सरकार पर हमला बोलते हुये कहा कि जिस राष्ट्र की संस्कृति का बीजमंत्र ‘‘यत्र नारियस्तु पूज्यंते तत्र रमते देवता’’ हो उस देश में आधी रात के बाद रामलीला मैदान में बाबा श्रीरामदेव जी के आमरण अनशन के समर्थन में भाग लेने वाले निद्रा निमग्न माताओं, बहनों, बालकों, वृद्धों एवं अपंगों पर पुलिस का हिंसक आक्रमण, कांग्रेस शासन द्वारा हिन्दुओं का क्रूरतम दमन एवम् लोकतंत्र की हत्या है। परंतु कांग्रेस यह भूल गयी है कि-
यदा यदा हि धर्मस्य ग्लानिर्भवति भारत ।
अभ्युत्थानमधर्मस्य तदात्मानं सृजाम्यहम् ॥७॥
परित्राणाय साधूनां विनाशाय च दुष्कृताम् ।
धर्मसंस्थापनार्थाय सम्भवामि युगे युगे ॥८॥
श्रीमद्भगवद्गीताए अध्याय ४

इस हिन्दू भूमि पर जब जब ऐसी परिस्थितियां उत्पन्न हुयी हैं तब-तब धर्म रक्षक वीरों का प्रार्दुभाव हुआ है। वीरों की जननी इस धरा पर अधर्म का नाश करने के लिये वीर शिरोमणियों की श्रृंखला अनवरत चलती रही है। हिन्दू महासभा इन्ही परम् वीर बलिदानियों की धरोहर है जो स्वातंत्र्य वीर सावरकर, अमर हुतात्मा पंडित नाथू राम गोडसे, मदन लाल ढींगरा, उधम सिंह, भगत सिंह, चंद्र शेखर आजाद, भाई बाल मुकंद, जैसे महान् विभूतियों की मातृ संस्था रही है। जब भी लोकतंत्र की हत्या हुयी है जनता के अधिकारों को क्रूरता पूर्वक दबाने का प्रयास हुआ है, नारी शक्ति का अपमान हुआ है, अबोध बालकों, अपंगो, वृद्धों पर प्रहार हुआ है हिन्दू महासभा ने इसका तीव्र प्रतिकार किया है।
चार जून की अर्ध रात्रि से लेकर पांच जून के प्रातःकाल तक ऐतिहासिक रामलीला मैदान में सोनिया निर्देशित भ्रष्टतम सरकार द्वारा जो क्रूरता एवं हिन्दू विरोध का नग्न ताण्डव किया गया, उसका अखिल भारत हिन्दू महासभा घोर निंदा करती है।
बाबा श्री नन्द किशोर जी ने स्वातंत्र्य वीर सावरकर द्वारा प्रतिपादित ‘‘हिन्दुओं के सैनिकीकरण तथा राजनीति के हिन्दूकरण’’ के सिद्धांत के अनुरूप बाबा श्री रामदेव जी द्वारा ग्यारह हजार सशस्त्र स्वयं सेवकों के गठन का हार्दिक स्वागत एवं हिन्दू महासभा की ओर से समर्थन किया है। गांधीवादी नपुंसकता के सिद्धांत को मानने वाले कांग्रेसी राजनीतिज्ञों द्वारा हिन्दुओं पर क्रूरतम प्रहार एवं हिन्दू संत महात्माओं के हत्या के प्रयास की हिन्दू महासभा तीव्र भर्त्सना करती है।
‘‘इन्द्रप्रस्थ के राजभवन में, जाने कैसे मंत्र चले, हार गये हैं धर्मपुत्र जब शकुनि के षड्यंत्र चले। दुर्योधनी कुचालों वाला हुआ शुरू अभियान यहां, धर्मक्षेत्र अब कुरूक्षेत्र बनेगा पूरा हिन्दुस्थान यहां।’’
जिस बाबा रामदेव के स्वागत में प्रोटोकॉल का उल्लंघन कर चार-चार मंत्रियों ने एयरपोर्ट पर उनकी अगवानी की हो जबकि दूसरे देश के राष्ट्राध्यक्ष के आगमन पर सिर्फ एक राज्यमंत्री को स्वागत के लिये भेजा जाता है फिर अंधेरी रात में बाबा को ठग की संज्ञा प्रदान की जाती है, वे कांग्रेसी परिभाषा से अपराधी हो जाते हैं, राष्ट्रद्रोही हो जाते हैं यह संपूर्ण राष्ट्र एवं विश्व के समझ से परे है। कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और उनके नेतृत्व द्वारा किया गया लोकतंत्र, मानवता एवं मानवाधिकार का हनन समस्त मर्यादाओं से परे है।
संपूर्ण राष्ट्र यह जानना चाहता है कि ऐसी क्या मजबूरी थी कि सरकार को ऐसे बर्बर एवं जघन्य कदम उठाने पड़े? इस आशय की निष्पक्ष जांच तब हो सकती है जब इस सरकार को निलंबित कर तत्काल न्यायिक जांच करायी जाये और राष्ट्र में जब तक भ्रष्टाचार मुक्त सरकार नही हो जाती है तब तक राष्ट्रपति शासन लागू किया जाये।
अखिल भारत हिन्दू महासभा स्वागत समिति के अध्यक्ष डॉ0 संतोष राय ने कहा कि सांप्रदायिक एवं लक्षित हिंसा विधेयक का प्रारूप सांप्रदायिक एवं राष्ट्र विरोधी शक्तियों के द्वारा तैयार किया गया है। अतः यह विधेयक भारत के दुर्भाग्य का कारण बनेगा। इसका उदाहरण आपके सामने है, स्वतंत्रता से पूर्व इंग्लैन्ड की महारानी विक्टोरिया ने हम पर कम्युनल एवार्ड सौंपा था जिसे कांग्रेस एवं गांधी ने स्वीकार किया था जिसका दुष्परिणाम भारत का सांप्रदायिक विभाजन और कत्लेआम में परिणित हुआ। आज यह विधेयक कम्युनल एवार्ड का दूसरा प्रारूप है। हिन्दू महासभा घोषणा करती है कि यह विधेयक किसी भी रूप में पास नही होने देंगे। यह बिल अपने आपमें घोर हिन्दू विरोधी एवं राष्ट्र विरोधी है।
अखिल भारत हिन्दू महासभा के अंतर्राष्ट्रीय संयोजक डॉ0 राकेश रंजन ने बताया कि विश्व के 73 देशों में बाबा रामदेव के कालेधन के खिलाफ आंदोलन को अभूतपूर्व समर्थन मिला तथा संपूर्ण विश्व शिविर अमानवीय आक्रमण से आहत है।